जब मेरी आत्मा हुई रूबरू मुझसे, कर बैठी एक सवाल! जब मेरी आत्मा हुई रूबरू मुझसे, कर बैठी एक सवाल!
मेरा नाम पृथ्वी है और मेरी संतान का नाम है- मनुष्य। मेरा नाम पृथ्वी है और मेरी संतान का नाम है- मनुष्य।
विफल हो रहा है, है दर्द-ए-निहानी। विफल हो रहा है, है दर्द-ए-निहानी।
रिसता रहता है दर्द, घायल दिल से, बूँद- बूँद और कतरा- कतरा। रिसता रहता है दर्द, घायल दिल से, बूँद- बूँद और कतरा- कतरा।
बहुत कुछ था कहने को पर नहीं मालूम क्यों जड़ से हो गये हम। बहुत कुछ था कहने को पर नहीं मालूम क्यों जड़ से हो गये हम।
जी भरकर जी ले इसे। जी भरकर जी ले इसे।